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What are Candlestick Patterns ? Earn Money with Trading

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स्टॉक मार्केट में CandleStick चार्ट्स: एक गहराई से समझ

Stock Market में सफल Trading के लिए सिर्फ भाव देखना काफी नहीं होता। अगर आप सच में प्रॉफिटेबल ट्रेडर बनना चाहते हैं तो आपको “चार्ट्स” को सही से पढ़ना आना चाहिए। और चार्ट्स में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाला टूल है – CandleStick चार्ट

यह पोस्ट खास उन लोगों के लिए है जो Option Trading या Equity Trading करते हैं और जानना चाहते हैं कि चार्ट को कैसे पढ़ें, Candles कैसे बनती हैं, और किस तरह से इनसे प्राइस एक्शन को समझा जा सकता है।


CandleStick Chart क्या होता है?

CandleStick चार्ट एक ऐसा ग्राफिकल टूल है जो किसी भी Stock, Option या Index के प्राइस मूवमेंट को चार हिस्सों में दर्शाता है:

  • ओपनिंग प्राइस

  • क्लोजिंग प्राइस

  • हाई प्राइस

  • लो प्राइस

हर कैंडल एक निश्चित समय अवधि (जैसे 1 मिनट, 5 मिनट, 1 दिन) के भीतर हुए प्राइस मूवमेंट को दर्शाती है।


कैंडल के हिस्से

हर एक कैंडल तीन मुख्य हिस्सों से बनी होती है:

  1. रियल बॉडी (Real Body):
    कैंडल का बीच वाला मोटा हिस्सा। यह ओपन और क्लोज प्राइस को दर्शाता है।

  2. अप्पर विक (Upper Wick):
    रियल बॉडी के ऊपर की पतली लाइन, जो उस समय का अधिकतम प्राइस (High) दिखाती है।

  3. लोअर विक (Lower Wick):
    रियल बॉडी के नीचे की पतली लाइन, जो उस समय का न्यूनतम प्राइस (Low) दिखाती है।

कैंडलस्टिक पैटर्न्स पर आँख बंद करके भरोसा न करें: ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए जरूरी सलाह – यह जानकारी पोस्ट के अंत में दी गई है 

कैंडल के रंग का मतलब

चार्ट पर कैंडल दो रंगों में दिखती है:

  1. रेड या ब्लैक कैंडल (Bearish Candle):
    जब क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग से कम होता है, तो कैंडल रेड होती है – मतलब स्टॉक गिरा है।

  2. ग्रीन या व्हाइट कैंडल (Bullish Candle):
    जब क्लोजिंग प्राइस ओपनिंग से ज्यादा होता है, तो कैंडल ग्रीन होती है – मतलब स्टॉक बढ़ा है।

कैंडल कैसे बनती है – एक उदाहरण

मान लीजिए किसी स्टॉक का:

  • ओपनिंग प्राइस = ₹50

  • हाई = ₹70

  • लो = ₹20

  • क्लोजिंग = ₹30

तो यह एक रेड कैंडल बनेगी क्योंकि क्लोजिंग ओपनिंग से कम है। यहाँ प्राइस पहले बढ़ा लेकिन फिर गिर गया और ₹30 पर बंद हुआ।

अब दूसरा उदाहरण:

  • ओपनिंग प्राइस = ₹30

  • लो = ₹10

  • हाई = ₹80

  • क्लोजिंग = ₹60

यहाँ ग्रीन कैंडल बनेगी क्योंकि प्राइस ₹30 से बढ़कर ₹60 पर बंद हुआ।


क्यों जरूरी है कैंडल्स को पढ़ना?

CandleStick हमें बताते हैं कि मार्केट में भाव किस दिशा में जा रहे हैं – तेजी है या मंदी। एक कैंडल अकेले भी बहुत कुछ कहती है, लेकिन जब दो या उससे अधिक कैंडल्स को एक साथ देखा जाता है, तो एक पैटर्न बनता है जिससे हम मार्केट के अगले मूवमेंट का अनुमान लगा सकते हैं।

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कैंडल्स के प्रकार

1. Doji Candles (डोजी कैंडल्स)

जब ओपन और क्लोज प्राइस लगभग बराबर होते हैं, तो डोजी कैंडल बनती है। ये अनिश्चितता दिखाती है।

डोजी कैंडल्स के प्रकार:

  • Dragonfly Doji

  • Long-Legged Doji

  • Gravestone Doji

2. Reversal Candles (रिवर्सल पैटर्न्स)

ये कैंडल्स मार्केट की दिशा में बदलाव का संकेत देती हैं:

  • Morning Star: तेजी का संकेत

  • Evening Star: मंदी का संकेत

  • Hammer: गिरावट के बाद तेजी का संकेत

  • Hanging Man: तेजी के बाद मंदी का संकेत

  • Shooting Star: गिरावट का संकेत


कैंडल्स से प्राइस एक्शन समझना

कैंडल्स से हम ये समझ सकते हैं:

  • प्राइस किस स्तर पर रिवर्स हो रहा है?

  • मार्केट में बायर्स मजबूत हैं या सेलर्स?

  • सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल क्या है?

जब आप ये सब सीख जाते हैं, तो ट्रेडिंग सिर्फ एक जुआ नहीं रह जाती, बल्कि एक स्ट्रैटेजी बन जाती है।


कैंडल के साइज का महत्व

  • छोटी कैंडल: कम वोलैटिलिटी, मार्केट में अनिश्चितता

  • बड़ी कैंडल: ज्यादा वोलैटिलिटी, कोई एक साइड हावी है


टिप्स CandleStick एनालिसिस के लिए

  1. अकेली कैंडल से निष्कर्ष न निकालें – हमेशा पैटर्न को देखें।

  2. वॉल्यूम के साथ कैंडल्स को पढ़ना ज्यादा प्रभावी होता है।

  3. कैंडल्स के साथ ट्रेंड लाइन और सपोर्ट/रेजिस्टेंस का इस्तेमाल करें।

  4. फेक आउट्स से बचने के लिए टाइम फ्रेम बदल कर भी चार्ट देखें।


निष्कर्ष

CandleStick चार्ट एक विजुअल टूल है जो आपको प्राइस एक्शन को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। चाहे आप डे ट्रेडिंग कर रहे हों या लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट, कैंडल्स की भाषा समझना आपको एक एडवांटेज देता है।

अगर आप इन पैटर्न्स को अभ्यास के साथ समझने लगते हैं तो मार्केट में आपके डिसीजन अधिक सटीक और प्रॉफिटेबल हो सकते हैं। याद रखें, ट्रेडिंग में ज्ञान ही सबसे बड़ा हथियार होता है।

कैंडलस्टिक पैटर्न्स पर आँख बंद करके भरोसा न करें: ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए जरूरी सलाह

स्टॉक मार्केट में चार्ट एनालिसिस एक बेहद पावरफुल टूल है। लेकिन कई बार पावरफुल चीजें भी गलत दिशा में इस्तेमाल हो जाती हैं। खासकर जब बात Candlestick पैटर्न्स की होती है, तो नए और यहां तक कि कुछ अनुभवी ट्रेडर्स भी इस भ्रम में रहते हैं कि अगर चार्ट पर कोई खास कैंडल बन गई, तो मार्केट उसी दिशा में मूव करेगा।

यह ब्लॉग उन भ्रमों को तोड़ने के लिए है और एक रियलिस्टिक नजरिया देने के लिए लिखा गया है – खासकर ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए।


कैंडल्स का असली काम क्या है?

चार्ट पर कैंडल्स का काम सिर्फ और सिर्फ प्राइस मूवमेंट को दिखाना होता है।
कैंडल यह नहीं बताती कि मार्केट आगे कहाँ जाएगा, बल्कि यह दिखाती है कि मार्केट अब तक कैसे मूव कर चुका है।

हर कैंडल आपको बताती है:

  • प्राइस कहाँ ओपन हुआ

  • कहाँ तक गया (हाई और लो)

  • और कहाँ क्लोज हुआ

यही जानकारी एक विज़ुअल फॉर्म में कैंडल के रूप में दिखाई देती है।


भ्रम: “अगर हम्मर बना, तो प्राइस अब जरूर बढ़ेगा!”

यह सबसे बड़ा भ्रम है।
मार्केट में जब “हम्मर”, “शूटिंग स्टार”, “डोजी” जैसी कैंडल बनती हैं तो लोग मान लेते हैं कि अब ट्रेंड पलटेगा या जारी रहेगा। लेकिन हकीकत यह है कि:

कोई भी कैंडल पैटर्न 100% कंफर्मेशन नहीं देता।

कई बार आप देखेंगे कि “हम्मर” बनने के बाद प्राइस वाकई में ऊपर गया – और यही देखकर लोग मान लेते हैं कि ये पैटर्न हमेशा काम करता है। लेकिन यह सिर्फ एक संजोग होता है, एक “Co-incidence”।


हर टाइम फ्रेम पर पैटर्न अलग होता है

एक और जरूरी बात यह है कि:

हर टाइम फ्रेम पर अलग-अलग कैंडल्स और पैटर्न बनते हैं।

अगर आपको 5 मिनट के चार्ट पर “हम्मर” दिख रहा है, जरूरी नहीं है कि वही कैंडल 15 मिनट या 1 घंटे के चार्ट पर भी वैसी ही दिखे। इसका मतलब यह हुआ कि एक ही समय पर अलग-अलग ट्रेडर्स को अलग-अलग सिग्नल मिल सकता है – जिससे कन्फ्यूजन और गलत Trading डिसीजन हो सकता है।


ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए खास चेतावनी

अगर आप Option Trading करते हैं, तो आपको और भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
ऑप्शन प्रीमियम सिर्फ प्राइस पर नहीं, बल्कि वोलैटिलिटी, टाइम डिके और मार्केट सेंटिमेंट पर भी डिपेंड करता है।
इसलिए सिर्फ कैंडल देख कर कॉल या पुट खरीद लेना एक बहुत ही रिस्की फैसला हो सकता है।

उदाहरण: अगर आपने सिर्फ “हम्मर” देखकर सोचा कि मार्केट अब ऊपर जाएगा और आपने कॉल ऑप्शन खरीद लिया — लेकिन प्राइस तो वहीं रुक गया या थोड़ा ही ऊपर गया — तो भी टाइम डिके के चलते आपका प्रीमियम गिरता रहेगा, और आपको नुकसान होगा।


तो फिर क्या करें?

✅ कैंडल्स को संकेत मानें, फैसला नहीं

कैंडल्स को एक “हिंट” के रूप में देखें, ना कि “गारंटी” के रूप में।

✅ ट्रेंड + वॉल्यूम + कैंडल्स = बेहतर फैसला

अगर आप ट्रेंड लाइन, सपोर्ट/रेजिस्टेंस और वॉल्यूम के साथ कैंडल्स को देखें, तो आपको एक ज्यादा भरोसेमंद सिग्नल मिल सकता है।

✅ छोटे स्टॉप लॉस और क्लियर प्लान रखें

खासतौर पर ऑप्शन में, एंट्री से पहले ही स्टॉप लॉस और टारगेट तय कर लें।

✅ बैकटेस्टिंग और प्रैक्टिस करें

किसी भी पैटर्न को लाइव मार्केट में इस्तेमाल करने से पहले उसे बैकटेस्ट करें — कम से कम 100 बार। तभी आप जान पाएंगे कि वो कितना काम करता है।


निष्कर्ष: आंखें खुली रखें

मार्केट में बहुत से “Ready-Made Formula” बेचने वाले मिलेंगे जो कहेंगे कि ये कैंडल बनते ही खरीदो या बेचो। लेकिन एक प्रॉफिटेबल ट्रेडर वही है जो समझता है कि चार्ट एक संकेत है, भविष्यवाणी नहीं।

अगर आप एक ऑप्शन ट्रेडर हैं तो यह और भी जरूरी है कि आप हर कैंडल पर एक्शन लेने से पहले पूरे कॉन्टेक्स्ट को समझें।

याद रखें:

“मार्केट को समझो, अंदाजा मत लगाओ।”