10 जून 2025: Sensex 5 मिनट चार्ट का गहराई से विश्लेषण 📈
🔹 भूमिका
10 जून 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी हलचल भरा रहा। SENSEX जो BSE का प्रमुख इंडेक्स है, ने दिनभर के ट्रेडिंग सेशन में कई बार दिशा बदली। यह पोस्ट 5 मिनट के कैंडलस्टिक चार्ट के आधार पर उस दिन के पूरे मार्केट मूवमेंट का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
🔹 ओपनिंग और शुरुआती गिरावट
दिन की शुरुआत SENSEX ने 82,385.11 के स्तर से की। शुरुआती 15-20 मिनट में ही तेज़ गिरावट देखने को मिली और एक बड़ी रेड कैंडल बनी। यह इस बात का संकेत था कि ओपनिंग पर ही मुनाफावसूली या फिर प्री-ओपन सेशन के दौरान नकारात्मक सेंटिमेंट बाजार पर हावी थे। एक लंबी लो-विक (low wick) वाली कैंडल भी दिखी जो इस बात का संकेत देती है कि गिरावट के दौरान खरीदारी करने की कोशिशें हुईं लेकिन वे स्थायी नहीं रहीं।
🔹 रिकवरी की कोशिश
सुबह करीब 09:30 से 10:30 के बीच बाजार ने रिकवर करने की कोशिश की। इस दौरान कई ग्रीन कैंडल बनीं जो ये बताती हैं कि खरीदार धीरे-धीरे एक्टिव हो रहे थे। लगभग एक घंटे तक बाजार ऊपर की दिशा में रहा और SENSEX ने 82,388.03 का हाई भी बनाया जो दिन का उच्चतम स्तर रहा।
🔹 मिड-सेशन में कंफ्यूजन और कंसोलिडेशन
11:00 बजे के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा लेकिन कोई स्पष्ट दिशा नहीं बन पाई। लगातार ग्रीन और रेड कैंडल्स बनती रहीं। इसका अर्थ है कि बाजार एक सीमित दायरे (range-bound) में चला गया था। ट्रेडर्स स्पष्ट दिशा की प्रतीक्षा में थे, इसलिए वॉल्यूम भी कुछ समय तक कम रहा।
🔹 दोपहर के बाद हल्की मजबूती
करीब 12:00 से 13:00 के बीच फिर से थोड़ी तेजी देखने को मिली, और SENSEX ने 82,343.37 के करीब ट्रेड किया। कुछ मजबूत ग्रीन कैंडल्स बनीं, जिन्होंने संकेत दिया कि कुछ संस्थागत निवेशकों ने दोपहर के समय खरीदारी की।
🔹 अंतिम घंटे में कमजोरी
13:30 के बाद से बाजार में फिर से कमजोरी दिखने लगी। एक के बाद एक रेड कैंडल्स बनने लगीं, जिससे स्पष्ट था कि निवेशकों को दिन के अंत तक अनिश्चितता थी। इस दौरान SENSEX धीरे-धीरे फिसलता हुआ 82,325.12 के लो तक आ गया।
🔹 क्लोजिंग और पूरे दिन का सार
आखिरी घंटों में हल्की वॉलेटिलिटी बनी रही, और SENSEX 82,343.37 पर क्लोज हुआ जो कि ओपनिंग के मुकाबले करीब 41.11 पॉइंट्स नीचे था यानी 0.05% की गिरावट।
📅 10 जून 2025: सेंसेक्स 5 मिनट चार्ट विश्लेषण | डे-ट्रेडर्स के लिए इंट्राडे इनसाइट्स 📉📈
10 जून 2025 का दिन भारतीय शेयर बाजार के लिए उतार-चढ़ाव भरा रहा। SENSEX ने इस दिन 5 मिनट के टाइमफ्रेम पर कई महत्वपूर्ण मूवमेंट्स दिखाए, जो डे-ट्रेडर्स और इंट्राडे विश्लेषकों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहे।
📊 ओपनिंग में गिरावट:
SENSEX ने दिन की शुरुआत 82,385.11 के स्तर से की लेकिन शुरुआती 15 मिनट में ही एक बड़ी रेड कैंडल बनी, जो संकेत देती है कि मुनाफावसूली और निगेटिव सेंटीमेंट्स का दबाव था। लो-विक वाली कैंडल से पता चलता है कि गिरावट के दौरान खरीदारी के प्रयास हुए, लेकिन वे टिक नहीं सके।
📈 रिकवरी की कोशिश:
09:30 से 10:30 बजे के बीच बाजार ने रिकवरी का प्रयास किया। कई ग्रीन कैंडल्स बनीं और SENSEX 82,388.03 के हाई तक पहुंचा। खरीदार धीरे-धीरे सक्रिय हो रहे थे।
🔁 मिड-सेशन कंसोलिडेशन:
11:00 बजे के बाद बाजार में रेंज-बाउंड मूवमेंट देखने को मिला। लगातार ग्रीन और रेड कैंडल्स बनने लगीं, जिससे स्पष्ट है कि बाजार एक दायरे में फंसा रहा और दिशा तय नहीं हो सकी।
📈 दोपहर बाद हल्की तेजी:
12:00 से 13:00 के बीच कुछ संस्थागत खरीदी के संकेत मिले और SENSEX में थोड़ी मजबूती दिखी।
📉 अंतिम घंटे में कमजोरी:
13:30 के बाद बाजार में फिर दबाव देखा गया और SENSEX धीरे-धीरे नीचे फिसला।
📌 क्लोजिंग:
SENSEX 82,343.37 पर बंद हुआ, जो लगभग 0.05% की हल्की गिरावट है।
👉 यह चार्ट विश्लेषण नए और अनुभवी दोनों ट्रेडर्स को इंट्राडे पैटर्न को समझने और रणनीति सुधारने में मदद कर सकता है।
📊 तकनीकी विश्लेषण के मुख्य बिंदु:
| तत्व | जानकारी |
|---|---|
| ओपनिंग | 82,385.11 |
| हाई | 82,388.03 |
| लो | 82,325.12 |
| क्लोजिंग | 82,343.37 |
| परिवर्तन | -41.11 (-0.05%) |
| ट्रेंड | रेंज-बाउंड और अंतिम समय में गिरावट |
🔹 ट्रेडर्स के लिए संकेत:
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इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए यह दिन मिला-जुला रहा – शुरुआत में गिरावट, फिर रिकवरी, और अंत में फिर से कमजोरी।
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रेंज ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी इस दिन बेहतर साबित हो सकती थी, खासकर 11:00 से 14:00 के बीच।
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अंतिम समय में शॉर्ट पोजिशन बनाना कुछ ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद रहा होगा।
🧠 निष्कर्ष
10 जून 2025 का SENSEX चार्ट यह दर्शाता है कि बाजार में फिलहाल स्पष्ट दिशा की कमी है और ट्रेडर्स किसी मजबूत खबर या ट्रिगर की प्रतीक्षा में हैं। इस तरह के चार्ट को पढ़कर हम समझ सकते हैं कि बाजार का मूड किस ओर झुक रहा है — भले ही वो तुरंत समझ न आए, लेकिन पैटर्न्स बहुत कुछ कहते हैं।
ऐसे समय में जोखिम प्रबंधन (Risk Management) और रेंज बाउंड स्ट्रैटेजी अपनाना ही समझदारी होती है।

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